Saturday, August 25, 2012

हर क्षण


-यशोधरा यादव "यशो"

जब भी ये मन व्याकुल होता है
किसी की तलाश में
तब न जाने कौन आ जाता है
मेरे ख्वाबों में
और शान्त कर देता है
धधकती ज्वाला को
अपने होने का अहसास देकर
उसकी अनन्तता में मैं
भूल जाती हूँ अपना अपनापन
और जीवन चलने लगता है
फिर उसी की तलाश में
जो छिपा हुआ है कण-कण में
सा रहता है मेरे हर क्षण ।

 -यशोधरा यादव "यशो"

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